हम उसे पाने से डरते हैं,
उसके हमारे होने से ज्यादा उसके खोने के अहसास से डरते हैं।
वो आ तो जाएगा,
पर हम जानते हैं वो जाएगा एक दिन,
हम उसके जाने के ख्याल से डरते हैं।
वो चंचल है पानी सा,
हम उसके बह जाने के स्वभाव से डरते हैं।
रूकना उसकी फितरत नहीं,
और हम अपने वादे से डरते हैं।