जाने क्यों अधूरी सी लगती है जिंदगी,
कितने ही रिश्तो से भरी है जिंदगी,
फिर भी जाने क्यों खाली सी है जिंदगी।
कदम -कदम पर एक नया सफर है जिंदगी,
फिर भी किसी मोड़ पर रूकी पड़ी सी है जिंदगी ।
हर रात एक नया ख्याब दिखाती है जिंदगी ,
फिर भी किसी एक अधूरी चाहत की तलबगार है जिंदगी।