top of page
Writer's picturesajwankomal84

कैसे हो?

Updated: Mar 19



Loneliness and smile

आज किसी ने पूछा "कैसे हो?",

मेरी नज़रों के सामने सारी ज़िन्दगी आ गई,

अपनी सारी कहानियां,

उनके सारे जज़्बात,

मेरी नसों में दौड़ गए,

थके हुए आसुओं ने जवाब देना चाहा लेकिन मैंने रोक लिया,

अब यूँ तो सूरज को देख सुबह खुश थी,

उस नन्ही सी जान को नींद में मुस्कुराता देख मन भर भी आया था,

और अपनी हालत देखकर गला,

ऐसा भी नहीं की प्रेम नहीं,

ऐसा भी न है की आशा ही नहीं,

ऐसा भी नहीं की उत्साह ही हो,

तो मैं कैसी थी?

पूर्णतः प्रफुल्लित भी नहीं,

हताश भी नहीं,

न द्वेष ही है,

न संपूर्ण करुणा,

अंततः मैंने कहा -

"ठीक हूँ, आप बताएं"


24 views0 comments

Comments


bottom of page