ईश्वर कौन है? ईश्वर क्या करता है? ईश्वर कहां रहता है?
ये सवाल हम सबके दिल या दिमाग मे रहता है पर कभी सही जवाब नहीं मिल पाता|
हमने एक शास्त्री जी से सुना था जो हमें बहुत अच्छा लगा, फिर हमने और अध्ययन किया इस पर तो सोचा आप सबके साथ भी शेयर करे और आप सब भी अपने सुझाव जरूर दें।
ईश्वर कौन है? ईश्वर सर्वव्यापी और सर्वशक्तिमान है। हम सबमें ईश्वर का ही अंश है। हम सबके अंतरमन मे ईश्वर का घर है। ईश्वर को कहीं मंदिर, माजिद, गुरुद्वारा या चर्च मैं खोजने की जरूरत नहीं है, आप उससे बाहर तलाश करेंगे वो कहीं नहीं मिलेगा वो तो हमारे ही अंदर निवास करता है , हर जीव -जंतू , पशु-पक्षी, पौधे- पेड़ सब ईश्वर का ही तो रूप है। कोई बोलता है वो मंदिर में मिलेगा, कोई बोलता है सातवें आसमान मैं मिलेगा, कोई बोलता है मक्का मदीना मैं मिलेगा पर हमें लगता है हमें उसे ढूंढने की जरूरत ही नहीं है, वो हमारे दिल मैं ही मिलेगा, एक बच्चे की मुस्कान में चहकता हुआ मिलेगा , एक खिलते हुए फूल की महक मैं महकता हुआ मिलेगा, अपने बछड़े को दूध पिलाती गाय की ममता में दिखेगा, अपने बच्चों की चोंच में दाना डालते पक्षी की परवाह में दिखेगा, एक मां की कोख में पल रहे बच्चे की धड़कन में धड़कता हुआ मिलेगा |
किसी ने सही बोला है :
'शिवोहम शिवोहम शिव स्वरूपहम, चिदानंद रुपम शिवोहम शिवोहम' (मैं ही शिव रूप हूं, पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा हूं। मैं ही सत्य चित् और आनंद स्वरूप हूं।)
ईश्वर क्या करता है
इस पृथ्वी , जल, आकाश में कोई भी कार्य ऐसा नहीं जो ईश्वर के बिना हो सके।
इस पृथ्वी पर जो भी जीवन है वो पांच तत्वों से मिलकर बना है जल, वायु, अग्नि, मिट्टी और शून्य। इन पंच तत्वों में से एक भी तत्व मानव निर्मित नहीं है और ना ही किसी भी मनुष्य के नियंत्रण में है और इन में से एक भी तत्व के बिना जीवन संभव ही नहीं है , तो अगर इस पृथ्वी पर जीवन है और वो मनुष्य के वश में नहीं है तो संभवतः एक ही अदृश्य शक्ति है जो दिन और रात जीवन और मृत्यु पर नियंत्रण रख रही है वो है
'ईश्वर'
ईश्वर कहां रहता है?
सर्वत्रम॒ ईश्वरम॒ कण कण में ईश्वर है वो कहीं स्वर्ग में नहीं रहता , वो तो हर कण कण में है। किसी भी वस्तु - व्यक्ति के निर्माण की सबसे छोटी इकाई अणु है ईश्वर वहां भी है क्योंकि ईश्वर के बिना एक अणु भी इस पृथ्वी-आकाश में जीवित नहीं रह सकता।
विज्ञान ने इतने आविष्कार कर लिए हैं पर मिट्टी, हवा, पानी में से एक भी चीज सिर्फ क्या आप में से कोई भी अपने अविष्कार से बना सकता हैं ।आप एक तिनके को भी खुद से नहीं उगा सकते इसलिए एक छोटे से तिनके तक में ईश्वर का निवास है।
ईश्वर हर जगह रहता है।जो अजन्मा है उसमे भी ईश्वर का अंश है, जो जन्म ले चुका है उसमें भी ईश्वर का रूप है और जो मृत्यु को प्राप्त हो गया है वो भी ईश्वर में ही विलीन है। इस चल- अंचल ब्रह्मंंॉड का एक मात्र सत्य ईश्वर ही है, जो आकाश से लेकर पाताल तक इस सृष्टि के कण- कण में विद्यमान है।
हरे कृष्णा हरे रामा 🙏🙏🙏
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