"Twin flame is a balance of masculine and feminine power in all human beings" जब एक आत्मा एक जीव आत्मा में बदलकर इस धरती पर आती है तब उसके अंदर दो पावर होती है masculine and feminine , इनसे मिलकर ही हमारे सातों चक्र बनते हैं। हमारे शरीर में 3 चक्र Masculine और 3 चक्र Feminine और एक supreme divine चक्र है ।
हम सभी का एक Twin Flame होता है जैसे left brain and right brain और जैसे एक चेतन मन और एक अवचेतन मन । Twin Flame एक ही आत्मा के दो भाग है एक Masculine और एक Feminine और इसलिए हर एक जीव आत्मा का एक Twin Flame होता है, जो 95% लोगो में उनके ही अंदर होता है सिर्फ 5% लोगों में ही वह उनके शरीर से बाहर होता है।
परंतु एक सबसे बड़ा सत्य जिसे हममें से ज्यादातर लोग नहीं जानते और ना ही समझते हैं कि हमें सिर्फ और सिर्फ हम ही पूर्ण कर सकते हैं । हमें हमारे सिवा कोई और पूर्ण नहीं कर सकता क्योंकि हमें खुद से ज्यादा कोई और नहीं जानता और समझता है। पूर्ण होने का अर्थ है खुद को हर आयाम से समझ लेना जब कोई सवाल ना रह जाए , कोई इच्छा शेष ना रह जाए। हमे ईश्वर ने खुद में ही सम्पूर्ण बनाया है। हर तत्व से पूर्ण एक संपूर्ण जीव आत्मा ।
जैसे ईश्वर हमारे अंदर होता है और हम उसे बाहर मंदिर- मस्जिद में ढूंढते हैं , वैसे ही हमारी पूर्णता हमारे अंदर ही है और हम बाहर किसी दूसरी जीव आत्मा में अपनी पूर्णता ढूंढते हैं।
सरल शब्दों में आप यूं समझिए कि लोगों में सभी पंच तत्व और पुरुष - स्त्री के सभी गुण उनके अंदर ही हैं वो सब एक पूर्ण जीव आत्मा हैं परंतु ये मात्र 5% लोग वो है जिनकी जीव आत्मा पूरी नहीं है वो दो भाग में बंट गई है ,उनकी आत्मा का आधा हिस्सा एक शरीर में है और आधा हिस्सा किसी दूसरे शरीर में। उनका Divine Masculine या Divine Feminine उनके शरीर के बाहर किसी और शरीर में है और उनका मिलना सिर्फ UNIVERSE तय करती है।
हमारा सूक्ष्म शरीर पांच तत्वों के मेल से बना है जल, अग्नि, वायु, आकाश, धरती। इन 5% लोगों में एक शरीर में जैसे सिर्फ अग्नि, आकाश और दूसरे शरीर में जल, धरती तत्व है और वायु तत्व दोनों में दे दिया गया होता है। इसलिए कहा जाता है कि ये दो शरीर और एक आत्मा होते हैं ।
हमारे शरीर की Divine Masculine में शक्ति, ताकत, confidence, Will power के गुण है और Division ne Feminine में ममता, प्यार,क्षमा, दया , भक्ति, सहनशीलता के गुण है , जिनका अगर हम अपने अंदर पूर्ण तालमेल कर लें तो हमें हमारे अंदर ही हमारी Twin Flame मिल जाती है । बोलते हैं इन्हीं गुणों कि वजह से स्त्री पुरुष एक दूसरे को attract करते हैं opposite attracts परन्तु क्योंकि इन 5% लोगों की आत्मा ही दो भाग में होती है इसलिए ये एक जैसे होते हैं।
बचपन से ही ऐसे लोगों में एक खालीपन होता है ,एक तीव्र इच्छा होती है किसी से मिलने की। जरूरी नहीं कि आप पुरुष हैं तो आपका Twin Flame एक स्त्री होगी या एक स्त्री है तो आपका Twin Flame एक पुरुष होगा। आपका Twin Flame कोई भी हो सकता है आपका दोस्त,भाई, बहन, पति-पत्नी कोई भी जो आपकी आत्मा का दूसरा हिस्सा होगा फिर वो कोई भी हो। हमारी शरीर या यूं कहें कि हमारा अस्तित्व स्त्री और पुरुष तत्व के समीकरण से मिलकर बना है । बस जरूरत होती है अपने अंदर उस पूर्णता को प्राप्त करने की और अगर अपने सातों चक्रो को जागृत करने के बाद भी आपको लगता है आप पूर्ण नहीं है।
आपके पास दौलत- शोहरत, सुख- संपत्ति , बच्चे, घर- परिवार सब कुछ है पर फिर भी आपको हमेशा महसूस होता है आपके अंदर कुछ कमी है एक खालीपन है जैसे की आप पूर्ण नहीं है। आपको हर पल लगता है कि जैसे आपको किसी खास का इंतजार है जो आपका ही एक हिस्सा है जिसके मिलने से आप पूर्ण होगें तो निश्चित ही आपको अपना Twin Flame खोजने की जरूरत है।
शिव- शक्ति Twin Flame का संपूर्ण उदाहरण है। जब-जब शिव धरती पर अवतार लेते हैं शक्ति भी अवतार लेती है और उन्हें पाने के लिए कठिन तप करती है । आप इसे ऐसे समझिए जैसे एक शिव है और एक शक्ति है , दोनों अलग- अलग शरीर है पर दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे है। शिव शक्ति के बिना अधूरे हैं। ये दोनों मिलकर एक संपूर्ण अस्तित्व है ।शिव- शक्ति एक पूर्ण शरीर है। शिव- शक्ति का अर्द्धनारीश्वर स्वरुप Twin Flame का perfect उदाहरण है ।
हम सभी के अंदर कुछ भाग पुरुष का और कुछ स्त्री का होता है , बस किसी में पुरुष तत्व अधिक होता है किसी में स्त्री तत्व। जिसका जो तत्त्व ज्यादा होता है उसका वैसा व्यवहार होता है । जैसे आपने देखा हो कुछ-कुछ पुरुष स्त्री जैसा बर्ताव करते है। उनकी चलना, उठना -बैठना, बात करना , यहां तक उनकी आवाज भी लड़कियों जैसी होती है और उनकी तरह ही नाजुक होते हैं और कुछ लड़कियां लड़कों की तरह होती है , यही संरचना हमारे अंदर की ' Twin Flame ' है।\
सबसे पहले हमें अपने Twin Flame को अपने अंदर ही खोजना चाहिए और इसका एक मात्र मार्ग अपने सातों चक्रो को जागृत करना है । सिर्फ तभी आप अपने Twin Flame को ढूंढ सकते हैं और फिर आपको किसी और की जरूरत नहीं होती है । आप खुद को पूर्ण महसूस करने लगते हैं।
परंतु फिर भी आपको लगता है कुछ कमी है तो सिर्फ़ और सिर्फ़ ईश्वर और ये ब्रह्ममांड ही आपको अपने Twin Flame से मिलवा सकता है । उनसे प्रार्थना करिए कि आपकी मदद करे और साथ ही बहुत सतर्क रहें किसी से भी मिलकर एक दम से उत्साहित ना हो जाएं कि यही हमारा Twin Flame है ।
जब आपको आपका Twin Flame मिलेगा तो आपको अतुलनीय खुशी प्राप्त होगी। हालात चाहे जो भी हो आप फिर फिर मिलेंगे। अगर आपका Twin Flame होगा तो आपको बचपन से ही अहसास होगा कि कोई है जो सिर्फ आपके लिए बना है। आपका मिलना भी निश्चित है पर ये ज़रूरी नहीं कि इसी जन्म में आपको आपका Twin Flame मिल जाए। कई कई जन्म लग जाते हैं। ये इतना आसान नहीं है पर जब होगा तब आपको अहसास होगा संपूर्णता का,एकत्व का।
परमात्मा भी पूरी कोशिश करते हैं कि इन दोनों को मिलाया जाए क्योंकि ये दोनों मिलकर ही पूर्णता को प्राप्त करते हैं और फिर एक साथ ही ईश्वर को मिलते हैं। अगर ये मिल भी जाते हैं तो अधिकतर एक अंजान होता है दूसरा ये अहसास कर चुका होता है कि यही मेरा Twin Flame है ,तो एक का फ़र्ज़ होता है उसको जागृत करना तभी ये पूर्ण होते हैं और परमात्मा से मिलते हैं।
Twin Flame और Soul mate दोनों बिल्कुल अलग-अलग होते हैं। Soulmate का मतलब है आत्मा के साथी पर Twin Flame मतलब एक ही आत्मा के दो भाग, दो शरीर एक आत्मा।
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